Path ka geet - Tapa dura

Tagore, Rabindranath

 
9789367936191: Path ka geet

Sinopsis

जो कुछ मैंने उससे पाया है, उससे उऋण होने का समय बीत गया। उसकी रात्नि को अपना प्रभात मिल गया, और तुमने मुझे अपने आलिंगन में ले लिया है। वह कृतज्ञता और वे उपहार मैं तुम्हारे पास लाया हूँ जो उसके लिए थे, उसके प्रति अपने समस्त अपराधों की क्षमा-प्रार्थना मैं तुमसे करता हूँ। मैं तुम्हारी सेवा में अपने प्रेम के उन पुष्पों को अर्पित करता हूँ, जो तब कलिका के रूप में बंद थे, जब यह उनके खिलने की प्रतीक्षा कर रही थी। - इसी गीत संग्रह से

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9788170287674: Path Ka Geet

Edición Destacada

ISBN 10:  8170287677 ISBN 13:  9788170287674
Editorial: Rajpal and Sons
Tapa blanda